वार्षिक पालिसी:-इस पालिसी में बीमाकृत द्वारा संदत्त की जाने वाली धनराशि एक मुश्त नहीं होती है बल्कि मासिक, तिमाही, अर्द्ध वार्षिक अथवा वार्षिक किस्तों द्वारा संदत की जाती है जो या तो जब तक मृत्यु नहीं हो जाती है अथवा विनिर्दिष्ट वर्षों की संख्या के लिए संदत की जाती है।
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वार्षिक पालिसी:-इस पालिसी में बीमाकृत द्वारा संदत्त की जाने वाली धनराशि एक मुश् त नहीं होती है बल्कि मासिक, तिमाही, अर्द्ध वार्षिक अथवा वार्षिक किस् तों द्वारा संदत की जाती है जो या तो जब तक मृत् यु नहीं हो जाती है अथवा विनिर्दिष् ट वर्षों की संख् या के लिए संदत की जाती है।